देश में जब जब अत्याचार हुए हैं जेएनयू से आन्दोलन और सत्ता पलट हुए हैं
~नचिकेता कन्हैया (पीठासीन मण्डलेश्वर, जेएनयू)
*****
परन्तु अनुभव तो यह कह रहा है चाहे मुम्बई हमला हो, या इसके गुरू अफज़ल का कारनामा... हमने तो सेना को ही उनसे जूझते और शहीद होते देखा है और सत्तापलट देश का आमजन करता है (फिर भी गाड़िया लुहार के कुत्ते के सरीखा इतना घमण्ड!!?)
वैसे शोर तो पूंपाडी भी करती है और शहनाई भी
पर एक सिर दुखाती है और एक भाव विभोर..
इस देश में
नाचने वाले तो बम्ब ब्लास्ट पर भी नाच लेते हैं
और नचिकेता इतने बड़े विश्विद्यालय में पढ़ कर भी यह फर्क नहीं समझ पाया है इसका मतलब देश ने अपना टैक्स बहा दिया गन्दे नाले में..
-KESHAV PUROHIT
~नचिकेता कन्हैया (पीठासीन मण्डलेश्वर, जेएनयू)
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परन्तु अनुभव तो यह कह रहा है चाहे मुम्बई हमला हो, या इसके गुरू अफज़ल का कारनामा... हमने तो सेना को ही उनसे जूझते और शहीद होते देखा है और सत्तापलट देश का आमजन करता है (फिर भी गाड़िया लुहार के कुत्ते के सरीखा इतना घमण्ड!!?)
वैसे शोर तो पूंपाडी भी करती है और शहनाई भी
पर एक सिर दुखाती है और एक भाव विभोर..
इस देश में
नाचने वाले तो बम्ब ब्लास्ट पर भी नाच लेते हैं
और नचिकेता इतने बड़े विश्विद्यालय में पढ़ कर भी यह फर्क नहीं समझ पाया है इसका मतलब देश ने अपना टैक्स बहा दिया गन्दे नाले में..
-KESHAV PUROHIT
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